क्या कसूर था आखिर मेरा ? भाग 29
अर्जुन जो की डरा हुआ था और अपने मामा से बोला " मामा जी मुझे बचा लीजिये मैं जैल नही जाना चाहता हूँ, माँ मामा से कहो की मुझे बचा ले "
"कमलेश मेरे भाई कुछ कर पुलिस दरवाज़े तक आन पहुंची , मेरे बेटे को बचा लो, आप कुछ क्यू नही करते हो वो आपके बेटे को ले जाने आये है और आप यहाँ खामोश खड़े हो " अर्जुन की माँ ने कहा
"भुगतने दो इसे सजा शायद जैल में जाकर इसे कुछ अक्ल आ जाए और ये जो जवानी में इसका खून जोश मार रहा है वो भी ठंडा हो जाएगा जैल की सलाखों के पीछे रह कर " चरण सिंह ने कहा
इससे पहले अर्जुन कुछ कहता तभी वहा सतवीर अपनी टीम के साथ आ पंहुचा ।और कमलेश से बोला " साहब हम यहाँ अर्जुन को गिरफ्तार करने आये है "
"तेरी इतनी हिम्मत की तू मेरे बेटे को गिरफ्तार करेगा। जुबान खींच लूंगी तेरी " अर्जुन की माँ ने कहा सतवीर से गुस्से में
"जिज्जी रुक जाओ ऐसा वैसा कुछ मत करो , हाँ तो सतवीर तेरे पास क्या सबूत है जिस बिनाह पर तू मेरे भांजे के हाथ में हथ कड़ी डालने चला आया जानता नही है तू ये किसका घर है " कमलेश ने कहा
"साहब मैं अच्छी तरह जानता हूँ ये किसका घर है लेकिन कानून सबके लिए बराबर है, जो जैसा करेगा वैसा ही भुकतेगा। इसलिए अर्जुन को हम उस लड़की पर तेजाब डालने के जुर्म में गिरफ्तार करने आये है उसने हमें सब कुछ बता दिया " सतवीर ने कहा
"ए दरोगा वो लड़की और उसका बाप तो ना जाने कब से मेरे बेटे को दोषी ठहरा रहे है इसमें नयी बात क्या है , और तू कौन होता है मेरे बेटे के हाथ में हाथकड़ी डाल कर ले जाने वाला। सारा गांव जानता है की उस रात मेरा बेटा जैल में था और जो कुछ भी उस बच्चलन लड़की के साथ हुआ वो उसके ही किसी पुराने आशिक ने किया था जिसे वो अपने हुस्न के जाल में फसा कर छोड़ चुकी थी " चरण सिंह ने गुस्से में कहा
"गांव वालो ने वही सब देखा जो आपने दिखाया उन्हें लेकिन अब ऐसा नही होगा उन्हें सारी सच्चाई पता चल कर रहेगी और वो जान जाएंगे की वो लड़की जो अस्पताल में पड़ी है वो सही कह रही थी जबकी आपने उनसे झूठ बोला, और हाँ मैं सिर्फ इस दोषी को उस लड़की के बयान पर गिरफ्तार करने नही आया हूँ मेरे पास पुख्ता सबूत भी है जो कल मैं पंचायत में दिखा दूंगा ताकि गांव वालो को पता चल जाए की आप लोगो ने उन्हें किस तरह बेवक़ूफ़ बनाया और गांव की लड़की की इज़्ज़त के साथ खिलवाड़ किया गिरफ्तार करलो इस मुजरिम को और ले चलो थाने ताकि इसे भी तो पता चले की बदनामी क्या होती है " सतवीर ने कहा
"ए दरोगा मेरे बेटे को हाथ भी लगाया तो पूरा खानदान को तबह बर्बाद कर दूंगा , कमलेश तू कुछ करता क्यू नही केसा स्पेक्टर है तू " चरण सिंह ने कहा
"जीजा जी, आप शांत हो जाइये अर्जुन को कुछ नही होगा जैसे ये लोग इसे लेकर जा रहे है वैसे ही छोड़ कर जाएंगे आप देखते रहो बस सतवीर आग से खेल रहा है जल जाएगा तेरी ये ईमानदारी तुझे कही का नही छोड़ेगी अब भी समय है माफ़ी मांग ले हम सब से बच जाएगा अगर एक बार तूने इस हवेली की देहलीज पार कर दी फिर तेरे ऊपर शनि मंडराने लगेगा और तेरा बुरा समय शुरू हो जाएगा जिसका जिम्मेदार सिर्फ तू होगा और कोई नही "कमलेश ने कहा
"मुझे किसी चीज से डर नही लगता , मेने ये वर्दी ईमानदारी से अपना फर्ज़ अंजाम देने के लिए पहनी थी और कसम खायी थी की कभी भी चाहे केसी भी परिस्थिति होगी मैं हर दम ईमानदारी पूर्वक काम करूंगा चाहे मेरी जान ही क्यू ना चली जाए अब समय आ गया है की असली गुनेहगार को सबके सामने पेश किया जाए ताकि दुनिया जान सके जैसा दिखता है वैसा होता नही है कभी" सतवीर ने कहा
अर्जुन के हाथ में हाथकड़ी डाल दी गयी । अर्जुन रोने लगा और बोला " पिता जी मुझे बचा लो, माँ मुझे बचा लो मामा देखो आपका भांजा खतरे में है उसे बचा लो "
उसकी माँ अपने भाई और अपने पती से कहती है " भगवान के लिए मेरे बेटे को बचा लीजिये आप दोनों वरना ये दरोगा उसे अपने साथ ले जाएगा कुछ तो कीजिये आप दोनों आखिर कब तक बुत की तरह खड़े रहेंगे मेरा बेटा मुझसे दूर जा रहा है "
"मत रो जिज्जी अभी वक़्त हमारे पक्ष में नही चल रहा है , जैसे ही वक़्त का पहिया बदलेगा एक एक आंसू का बदला लिया जाएगा, जिज्जी ले जाने दे लल्ला को मैं तुझसे वायदा करता हूँ कल को अगर लल्ला सही सलामत घर नही आया तो इस बार राखी की जगह मेरे हाथ में चूड़िया पहना देना और समझ लेना की तेरा कोई भाई नही था इस दुनिया में " कमलेश ने अपनी बहन को समझाते हुए कहा
अर्जुन रो रहा था देखते ही देखते सतवीर उसे अपने साथ गाड़ी में बैठा कर थाने ले आया ।
अर्जुन को पुलिस ले गयी ये बात गांव में जंगल की आग की तरह फेल गयी हर कोई यही बाते कर रहा था की आखिर ऐसा क्या हुआ की साहूकार के बेटे को पुलिस ले गयी ।
दुर्जन को जब ये बात पता चली तो वो दौड़ता हुआ अंजली के पास आया और उसे बताया और उसे गले लगा कर रोने लगा और बोला " मेरी बेटी हम कामयाब हुए देख आज तेरा गुनेहगार पकड़ा गया और कल को सब के सामने उसका जुर्म साबित हो जाएगा फिर तेरे ऊपर लगाए सारे इल्जाम झूठे साबित हो जाएंगे फिर तू पूरे गांव में सर उठा कर चल सकेगी , देख बेटा इस दुनिया में अभी भी ईमानदार लोग मौजूद है जो ईमानदारी से अपना काम बिना डरे पूरा कर रहे है उनमे से एक स्पेक्टर सतवीर भी शामिल है, ईश्वर उनकी हर मनोकामना पूरी करे "
अंजली अपने पिता के गले लग कर एक सुकून सा महसूस कर रही थी लेकिन कही ना कही उसके मन में डर सा था । वो डर रही थी शायद गांव वालो के सामने आने से वो डर रही थी कि कही गांव वाले उससे डर कर भाग ना जाए। वो गांव वालो का सामना करना नही चाह रही थी ।
आखिर क्या होगा, क्या अर्जुन को सजा मिल पायेगी, क्या अंजली गांव वालो का सामना बहादुरी से कर पायेगी। साहूकार और कमलेश क्या बचा पाएंगे अर्जुन को या फिर उस के साथ खुद भी सजा के हक़दार होंगे जानने के लिए पढ़ते रहिये
Abeer
08-Sep-2022 04:03 PM
Behtarin lekhan
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दशला माथुर
08-Sep-2022 03:21 PM
Very nice 👍
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Sushi saksena
08-Sep-2022 02:48 PM
बेहतरीन रचना 👌👏
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